MARDANI 2
Directed and written by Gopi Puthran
Produced by: Aditya Chopra
Two Main Characters
·
Rani Mukerji as
Shivani Shivaji Roy IPS (Protagonist)
·
Vishal Jethwa as
Sunny (Antagonist)
Settings : Kota, Rajsthan
कहानी
कुछ ऐसी है जिसमे एक सन्नी नाम से किरदार निभाने वाला खलनायक लड्कीओ को बेरहमी से पीट
पीट कर तड़पा कर मार देता है और अपनी हवस को पूरा करता है। एक और बात की वो साथ मे उसका
ईगो हर्ट होता है तब एस.पी. शिवानी शिवाजी रॉय चुनौती देता रहेता है। फिल्म का अंत आप पर छोड़ रहा हूँ।
केमेरा वर्क
कुछ
द्रुश्य है जो शिवानी की नजर से फिल्मांकन किए गए है, बलात्कार एवं
हत्या और ट्रेन की पटरी मे लाश को फेंकना और वो दिखाने के बदले समोसे मे सॉस का निकालना
और खाना जैसे द्रुश्य कंपा सकते है। बाकी सामान्य फिल्मांकन दिखता है।
अभिनय
मेरठ
(Uttar Pradesh) से आया लड़का जो 18 से 20 साल का होगा जो कोटा पुलिस को मात दे रहा है, मेरठ की नहीं पर राजस्थानी भाषा बोलता है और हर नयी घटना मे बुद्धि से कुछ न कुछ बदलाव
करता रहेता है,
(अपाहिज, ड्रायवर, चायवाला गूंगा, स्त्रीवेश, बुरखाधारी)
सन्नी के किरदार निभाने वाले ने अच्छा अभिनय किया है, असल मे यही
ही जो हमे फिल्म मे जकड़ के रखता है। इस अपराधी को ऐसा सायको दिखाया है जिसको देख कर
हमे गुस्सा भी आता है और मारने का भी मन करता है। विशाल जेठवा को छोड़ कर बाकी सब का
अभिनय ठीक है।
शिवानी शिवाजी रॉय
बहुत
हिरोगीरी नही दिखाई पर संवादोमे भावुकता, गुस्सा एवं , न्यूज़ चेनल पर पत्रकार से बात-चितके जरिये की युक्ति से डिरक्टर ने शिवानी का मोनोलोग रखा है जिसमे उसने पुलिस और समाज पर सही कटाक्ष किया है
कुछ पुलिसवाले मीडिया को पाल के रखते है।
·
पुलिस ठाणे में भी सहकर्मचारी दुश्मन होते है
और बाहर भी।
·
महिला का उच्च पद से पुरुष कर्मचारी को हुक्म
देना लोगो को कड़वा लगता है।
·
क्रिमिनल लोग अमीर बनने से ज्यादा फेमस होना ज्यादा
जरूरी समजते है।
·
महिलाओ को बराबरी तो ठीक अभी
सिर्फ हिस्सेदारी ही मिल जाए तो बहेतर है।
आभार वैदेहीमेम इस फिल्म के लिए जिससे मे हकीकत बनती रहती घटनाओ और सरकारी दफ़तरकी कार्यवाही एवं समाज के कटाक्ष पर कुछ लिख सका।
हकीकत...
कई
ऐसे सबंध मैंने देखे है जिसमे लड़की का ब्रेकप होता है वो भी और जो पति-पत्नी मे सबंध
को लेकर जगड़ा चलता रहेता है ऐसे संबंधों मे कुछ लड़के होते है जो एसे मोके पर उसका लाभ
लेने मे ज्यादा उत्सुक रहेते है।
पुलिस ठाणे मे FIR लिखने के
बजाए भाषण मिलता है ऐसा करती है, ऐसा पहेनती है तो फिर ये तो
होगा ही,
अगर
सामने गुन्हेगार पैसे वाला या गुंडा या तो ऊपर तक पहेचान वाला हो तो फिर तो FIR की बदले
आपकी सिर्फ सामान्य अर्जी ही ली जाएगी और वो भी बहोत परेशानी के बाद मनोबल तोड़ तोड़
कर।
कार्यवाही शरू है, तपास जारी है, (पुलिस)
बस
ऐसे ही सामान्य लोग हार जाते है थक जाते है।
समय अब बदल रहा है, तकनीकी क्षेत्रो एवं इन्टरनेट के जरिये अब कई सारी घटनाए कम हो रही है या तो जल्द ही मदद मिल जाती है।
गुजरात मे 181 पर कॉल करने से और मदद मिलने वाले कई मोबाइल ऐप्लीकेशन है जिससे आप मदद भी मांग सकते है और सुरक्षित घर भी पहुँच सकते है ।
Be Brave and Fight for your Right
Produced by: Aditya Chopra
Two Main Characters
आभार वैदेहीमेम इस फिल्म के लिए जिससे मे हकीकत बनती रहती घटनाओ और सरकारी दफ़तरकी कार्यवाही एवं समाज के कटाक्ष पर कुछ लिख सका।
हकीकत...
गुजरात मे 181 पर कॉल करने से और मदद मिलने वाले कई मोबाइल ऐप्लीकेशन है जिससे आप मदद भी मांग सकते है और सुरक्षित घर भी पहुँच सकते है ।
Be Brave and Fight for your Right
Effective writing !
ReplyDeleteThank you brDhr 😊
DeleteTo the point observation and writing!!!
ReplyDeleteThank you 😊
ReplyDeleteभाषा एवं शब्दों का उत्तम उपयोग किया है। पढ़ते पढ़ते लगा कि जैसे धवल ही बोल रहा है...
ReplyDeleteशुक्रिया ☺️
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